All photos by senior journalist Shri Vijay Vineet
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काशी, जो प्राचीन मंदिरों और आध्यात्मिक धरोहरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है, का महात्म्य समझने का अवसर मिला जब मेरी मुलाकात श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष, प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय जी से हुई। प्रो. पांडेय न केवल मंदिर के प्रशासन का कार्य बखूबी निभा रहे हैं बल्कि काशी की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संजोने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
हमारी बातचीत में उन्होंने मंदिर के प्रबंधन में किए गए नवाचारों पर चर्चा की। उनके नेतृत्व में भक्तों की सुविधा के लिए डिजिटल प्रक्रियाओं का संचालन और मंदिर की संरचना में कई सुधार किए गए हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना के माध्यम से न केवल मंदिर की भव्यता में वृद्धि हुई है, बल्कि इसने काशी की प्राचीन संस्कृति और इतिहास को भी पुनर्जीवित किया है। प्रो. पांडेय मानते हैं कि यह यात्रा केवल धार्मिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक आत्मा से जुड़ने का एक अवसर होनी चाहिए।
उनकी बातचीत से यह महसूस हुआ कि वे केवल एक प्रशासक नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण वाले व्यक्ति हैं। उनके अनुसार, काशी, भगवान शिव की प्रिय नगरी है, जहाँ हर व्यक्ति विशेष ऊर्जा का अनुभव करता है। उन्होंने कहा कि काशी की महत्ता केवल धार्मिक ही नहीं है, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा को जागृत करने का स्थान भी है। उनकी बातों से स्पष्ट हुआ कि काशी का आध्यात्मिक वातावरण हर आगंतुक के जीवन में अमिट छाप छोड़ता है।
मंदिर न्यास परिषद के भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए प्रो. पांडेय ने बताया कि वे चाहते हैं कि काशी को एक आदर्श तीर्थस्थान बनाने के लिए युवाओं का योगदान हो। उन्होंने यह भी बताया कि काशी में आने वाले पर्यटकों के लिए और अधिक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है ताकि लोग यहाँ के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव का अनुभव कर सकें।
प्रो. नागेंद्र पांडेय की इस आत्मीय भेंट ने न केवल काशी के प्रति हमारी समझ को और गहराई दी, बल्कि यह भी सिखाया कि सच्चा नेतृत्व उस स्थान की संस्कृति, परंपरा और मानव मूल्यों को संजोने में होता है। प्रो. पांडेय जैसे व्यक्तित्व के कारण काशी विश्वनाथ मंदिर की भव्यता और गौरव बना हुआ है।
Kashi, known worldwide for its ancient temples and spiritual heritage, carries an essence that I deeply appreciated after meeting with Prof. Nagendra Pandey, Chairman of the Shri Kashi Vishwanath Temple Trust Council. Prof. Pandey is not only skillfully managing temple administration but also plays a significant role in preserving the city’s cultural and religious heritage.
In our conversation, he shared insights into innovations in temple administration. Under his leadership, several improvements have been made, including digital systems for devotees’ convenience and structural upgrades for greater safety and organization. The Kashi Vishwanath Corridor Project has amplified the temple’s grandeur and revived Kashi’s ancient culture and history. Prof. Pandey believes that visiting this sacred place should not only be a religious experience but a journey to connect with the spiritual soul.
Through his words, I felt that he is not just an administrator but also a spiritually inclined individual. For him, Kashi, the beloved city of Lord Shiva, resonates with a unique energy. He highlighted that Kashi’s significance is not solely religious but serves as a place to awaken positive energy within every visitor. His perspective made it clear that Kashi’s spiritual aura leaves an unforgettable mark on all who come here.
Discussing future plans for the Temple Trust, Prof. Pandey emphasized the importance of youth involvement to make Kashi an ideal pilgrimage destination. He added that additional facilities are being developed for tourists to experience the spiritual and cultural impact of Kashi fully.
This meaningful meeting with Prof. Nagendra Pandey provided a deeper understanding of Kashi and emphasized that true leadership is about preserving the culture, tradition, and human values of a place. It is personalities like Prof. Pandey that maintain the grandeur and dignity of the Kashi Vishwanath Temple.