मानवाधिकार कार्यकर्ता पुलिस की इस कार्यवाही से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं। पीपुल्स वीजिलेंस कमिशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (#पीवीसीएचआर) के लेनिन रघुवंशी कहते हैं कि ऐसे मुठभेड़ कानून के शासन को नुकसान पहुंचाते हैं और आपराधिक न्याय प्रणाली को विकृत करते हैं। उन्होंने कहा, ‘इससे अपराधियों का राजनीतिकरण भी होता है, क्योंकि पुलिस कार्रवाई के डर से वे अक्सर सत्ताधारी दल में शामिल हो जाते हैं। फिर वे स्थानीय नेताओं के संरक्षण में अपनी आपराधिक गतिविधियों को जारी रखते हैं।
https://www.navjivanindia.com/india/yogi-raj-in-up-are-these-encounters-or-murders-in-cold-blood
Wednesday, September 20, 2017
योगी राजः पुलिस एनकाउंटर या सोच समझ कर हो रही हैं हत्याएं?
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