Thursday, April 27, 2023

मेरे दादा और दादी का सनातनी कुटुम्ब की परम्परा और शुभ लाभ का का दर्शन जिंदाबाद

सनातनी कुटुम्ब की परम्परा वसुधैव कुटुम्बकम पर आधारित थी. जहा शुभ लाभ था. इसीलिए घर के आगे शुभ लाभ लिखा जाता था. जिसका अर्थ हैं सबका लाभ. किन्तु जब सबके लाभ की जगह व्यक्ति का लाभ और औरतो के शोषण का आरम्भ हुआ तो व्यक्तियों के स्वार्थ की लड़ाई शुरू हुयी.
सामंतवादी सोच वाले बुर्जवा लोग जलनखोरी के गजब शिकार है.मेहनत से नहीं बल्कि जुगाड़ से धन बनाना आदर्श मानते है.
मेरे दादा और दादी का सनातनी कुटुम्ब की परम्परा और शुभ लाभ का का दर्शन जिंदाबाद

No comments: