बनारसी साड़ी कारोबार में कॉरपोरेट की दस्तक पर अपनी राय देते हुये बनारस के जाने-माने समाजसेवी डॉ. लेनिन रघुवंशी कहते हैं, "टाटा-अंबानी की बुनकरशालाओं के खेल को व्यापक अर्थों और संदर्भों में समझने की ज़रूरत है। बनारसियों को बार-बार गुजरात मॉडल के किस्से सुनाए जाते हैं। मोदी सरकार का गुजरात मॉडल, टाटा, अंबानी जैसे बड़े पूंजीपतियों को मुफ्त में ज़मीन और गरीबों की कीमत पर सस्ती बिजली और टैक्स में छूट देने का परिणाम है। गुजरात मॉडल अच्छा है तो वहां का किसान, मज़दूर और #बुनकर बुरी हालत में क्यों है? भाजपा सरकार पूंजीपतियों और कॉरपोरेट घरानों का तो बकाया माफ़ कर रही है, और उन्हें तमाम रियायतें और अनुदान भी दे रही है, लेकिन कुटीर उद्योगों को तबाह कर देना चाहती है। बनारस के बुनकर आज अपनी ही विरासत और दस्तकारी को बचाने के लिए संघर्ष करते नज़र आ रहे हैं। कॉरपोरेट के घुसपैठ से बनारसी साड़ी कारोबार का ताना-बाना तहस-नहस हो जाएगा। ऐसे में बनारस की संस्कृति, हस्तशिल्प और बुनकरों की आजीविका को बचाना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए बुनकरों, किसानों, मज़दूरों को एकजुट होकर पूंजीवादी तंत्र की साज़िशों को नाकाम करना होगा।"
Thursday, April 27, 2023
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