Wednesday, November 24, 2021
Friday, November 19, 2021
Adequate support for the candidates with Disabilities
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Tuesday, November 9, 2021
डॉ लेनिन रघुवंशी और श्रुति नागवंशी ने विश्व स्तर पर बढाया काशी और भारत का गौरव
9 नवम्बर, 2021 वाराणसी| आज होटल कामेश हट, लहुराबीर में प्रो० शाहीना रिज़वी, उपाध्यक्ष और जै कुमार मिश्रा, सदस्य सचिव ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया| संबोधन के दौरान प्रो० शाहीना रिज़वी ने कहा कि कल 8 नवम्बर, 2021 को ग्लोबल सेंटर फॉर प्लूरलिज्म ने ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 10 फाइनलिस्टों की घोषणा की। इस वर्ष के फाइनलिस्ट में हमारे संस्था के सह - संस्थापक और सीईओ डॉ लेनिन रघुवंशी को चुना गया| डॉ लेनिन पहले और एक मात्र भारतीय है जिनका चयन इस अवार्ड के लिए किया गया है| उन्होंने आगे कहा कि यह सम्मान काशी के बहुलतावाद और श्रमण संस्कृति का है| स्थापना से ही हमारी संस्था मानवाधिकार जननिगरानी समिति मानवाधिकार संरक्षण के साथ बहुलतावाद और समावेशी संस्कृति को अपने बुनियादी मूल्य में शामिल करके उसी अनुसार अपने कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर लागू करती है| ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि 2021 ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 70 देशों से 500 नामांकन प्राप्त हुए। नामांकित व्यक्ति कठोर समीक्षा प्रक्रिया से गुजरते हैं और बहुलवाद से संबंधित अनुशासनों की स्वतंत्र विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय जूरी (जिसमे कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री है) द्वारा चुने जाते हैं। अफगानिस्तान, डोमिनिकन गणराज्य, कोसोवो, इज़राइल, भारत, केन्या, हांगकांग, कनाडा, मलावी में और विश्व स्तर पर-2021 के फाइनलिस्ट ने शिक्षा, सामुदायिक निर्माण, सामाजिक-आर्थिक विकास और कला के माध्यम से बहुलतावाद को आगे बढ़ाने के लिए असाधारण प्रयास किए हैं। विदित को कि ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म, एक स्वतंत्र स्वयंसेवी संगठन है जिसकी स्थापना महामहिम आगा खान और कनाडा सरकार द्वारा की गई है। संस्था की दूसरी संस्थापक सुश्री श्रुति नागवंशी को उनके महिला अधिकार, बाल अधिकार और शांति पर उत्कृष्ट कार्य के लिए 2021 पब्लिक पीस प्राइज के नवाजा गया| इस वर्ष यह पुरस्कार 5 देशो के 9 लोगो को दिया गया जिसमे कनाडा, भारत, कोलम्बिया, कांगो, लोकतान्त्रिक गणराज्य (डीआरसी) और पाकिस्तान को दिया गया| जै कुमार मिश्रा, सदस्य सचिव ने बताया कि संस्था हाशिये पर स्थित एवं उपेक्षित समूह को सेवा प्रदान करके समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम विगत 25 वर्षो से कर रहा है| अभी चाइल्ड राइट्स एंड यू के सहयोग से मातृत्व व बाल स्वास्थ्य और अधिकार पर वाराणसी के 4 ब्लाकों में काम कर रहा है| साथ ही दो CMC का संचालन कर रहा है और वंचित समूह में कोवीड टीकाकरण लगवाने के लिए जागरूक कर रही है| यूनाइटेड नेशन वालेंटरी ट्रस्ट फण्ड फॉर टार्चर विक्टिम्स (UNVFVT) के सहयोग से मनो- सामाजिक सम्बल प्रदान करके पुनर्वासन करके उनमे पैरवी करती है| नोरेक, नॉर्वे और नेपाल की संस्था इन्सेक के साझा प्रयास के युवाओ की ट्रेनिंग और डायलाग का आयोजन कर रही है जिससे युवाओ को उनके भागीदारी, SDG और अधिकार के बारे में मालूम हो सके| उन्होंने आगे कहा कि हमारी संस्था शुरू से ही कुपोषण के मुद्दे पर लिखा पढ़ी और हंगर अलर्ट जारी करके जन आन्दोलन किया जिसके वजह से तत्कालीन सरकार ने कुपोषण और भूख के मामले में अविलम्ब 1000 रुपये का इमरजेंसी सहायता के लिए बजट का आवटन किया| हमारी संस्था अलीगढ और वाराणसी में दो कंसल्टेशन का आयोजन किया जिसमे एक पोषक तत्व प्रोफाइल मॉडल को शामिल करें जो डिब्बाबंद भोजन के माध्यम से नमक, चीनी और वसा की उच्च खपत को सीमित करता है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण अधिकारों की रक्षा होती है। भारत में एक फ्रंट ऑफ पैकेट लेबलिंग (एफओपीएल) विनियमन होना चाहिए इसके लिए लेनिन जी ने माननीय प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन पर पत्र लिखकर कृपया मजबूत एफओपीएल के माध्यम से भारत के बच्चों के स्वास्थ्य को उपहार दें। जिसपर प्रधानमंत्री कार्यालय ने महोदय, आपकी शिकायत को नोट कर लिया गया है। FSSAI पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट्स पर FOPL को पेश करने के लिए भी काम कर रहा है| इस मामले में सलाहकार समिति। यह निर्धारित करने के लिए IIM अहमदाबाद द्वारा एक सर्वेक्षण आधारित अध्ययन शुरू करने का निर्णय लिया गया है| वही सावित्री बाई फुले महिला की संयोजिका श्रुति नागवंशी और PVCHR की कार्यक्रम निदेशक शिरीन शबाना खान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को शिकायत की| याचिका को संज्ञान में लेते हुए माननीय आयोग ने स्वास्थ्य सचिव, भारत सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब माँगा है| संस्था कोविड वैश्विक महामारी के दौरान ऑक्सीजन कांसन्त्रटर (हेल्मा रिचा और इंडो- जर्मन सोसाइटी ऑफ़ रेमसाईड), प्रोटीन युक्त भोजन (न्यूज़ीलैण्ड हाई कमीशन) किचन गार्डन (इंटरनेशनल रिहैबिलिटेशन काउंसिल फॉर टार्चर विक्टिम्स) के सहयोग के इमरजेंसी असिस्टेंस दिया गया| संस्था द्वारा ESIC अस्पताल, वाराणसी को दिए गए सहयोग को श्रम एवं रोज़गार मंत्री, भारत सरकार एवं रोजगार राज्य मंत्री , भारत सरकार द्वारा हस्ताक्षरित प्रशस्ति पत्र अपर आयुक्त सह – क्षेत्रीय निदेशक, कानपूर द्वारा 12 नवम्बर, 2021 को सुबह 10 बजे प्रदान किया जायेगा| विदित हो कि इसके पहले संस्था के काम को जिला जेल वाराणसी और जिलाधिकारी वाराणसी द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर भी किया गया था| प्रेस वार्ता के दौरान ग़ालिब सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म के नक़्शे का फोटो दिखाया| इस सेंटर का निर्माण जनमित्र न्यास के प्रोग्राम ऑफिस के ऊपर इंडो- जर्मन सोसाइटी ऑफ़ रेमसाईड और इन्वेंट के सहयोग से किया जायेगा| इस मौके पर श्रुति नागवंशी और डॉ लेनिन रघुवंशी का सम्मान स्टाल और पेन देकर किया सम्मानित किया गया| उसके बाद संस्था के काम पर बने डाक्यूमेंट्री unspoken का लोकार्पण किया है
Monday, November 8, 2021
Introducing our 2021 Global Pluralism Award Finalists
Co-founder Lenin Raghuvanshi has been named a finalist for this year’s Global Pluralism Award presented by the @Global Centre for Pluralism. The award recognizes and celebrates #pluralism in action; individuals, organizations and governments from around the world who demonstrate extraordinary contributions to building societies where diversity is protected and valued.
We look forward to the virtual ceremony in February 2022. Congratulations to all the 2021 #GlobalPluralismAward finalists! #PluralismAward2021
https://award.pluralism.ca/2021-global-pluralism-award-finalists/
https://junputh.com/voices/global-pluralism-award-ten-finalists-lenin-raghuvanshi-kashi/
https://www.jubileepost.in/lenin-in-final-list-for-pluralism-award/
आज से सात साल पहले नरेंद्र मोदी ने जहां से भारतीय समाज और संस्कृति की बहुलता को चुनौती दी थी, दुनिया ने वहीं से बहुलता की रक्षा के लिए एक शख्स को सम्मानित किया है। #काशी के डॉ. लेनिन को आज दुनिया भर में बहुलता के संरक्षण के लिए प्रयासरत दस शख्सियतों की अंतिम सूची में शामिल किया गया। ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म यह पुरस्कार हर दो साल में एक बार दुनिया भर के व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों को ऐसे अधिक समावेशी समाजों के निर्माण में अनुकरणीय उपलब्धियों के लिए देता है जहां विविधता की रक्षा की जाती है।
इस मौके पर कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जो क्लार्क ने कहा, “बहुलवाद सम्मान, सहयोग और साझा उद्देश्य का एक ऐसा विवरण है जो समुदायों को गतिशील रखता है। इन शख्सियतों ने बहुलवाद में उल्लेखनीय योगदान दिया है। वे आज की दुनिया में अन्याय, असमानता और अपवर्जन की चुनौतियों से निपटने में मौलिकता और साहस को दर्शाते हैं।”
ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म को 2021 ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 70 देशों से 500 नामांकन प्राप्त हुए थे। नामांकित व्यक्ति कठोर समीक्षा प्रक्रिया से गुजरते हैं और बहुलवाद से संबंधित अनुशासनों की स्वतंत्र विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा चुने जाते हैं।
https://junputh.com/voices/global-pluralism-award-ten-finalists-lenin-raghuvanshi-kashi/
Sunday, November 7, 2021
Nashvar Insan : last episode of #Unspoken
Kya Chhut, Kya Achhut : Third episode of #Unspoken
Finally wait is over. Please watch the second episode "Kya Chhut, Kya Achhut" of documentary unspoken.
If you like our work please support us for making changes in the lives of the most marginalized people.
#PVCHR #LeaveNoOneBehind #UNDay #humanrights #DalitsLivesmatters #unspoken #generationequality #Caste #Dalit #Anei #Varanasi #Musahar #people #work #like