·
गुजरात प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में पांचवें
स्थान पर है।
· जब भारतीय जनता पार्टी 1995 में पहली बार सत्ता में आई तब राज्य सरकार का कुल ऋण 10.000 करोड़ रुपये से कम था। गुजरात का वास्तविक ऋण 2001-02 में 45301 करोड़ से बढ़कर मोदी के शासन काल में 30 दिसम्बर 2012 तक 138948 करोड़ तक पहुँच गया है। राज्य सरकार के अनुमानित बजट के अनुसार यह ऋण 2015-16 तक 207695 करोड़ रुपये तक पहुँच जाएगा।
(स्रोत-निदेशक अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग, गुजरात सरकार)
· कृषि वृद्धि में गुजरात आठवें स्थान पर है। कृषि क्षेत्र में गुजरात ने कभी भी 10% की वृद्धि-दर नहीं प्राप्त की। गुजरात सरकार के स्वयं के आंकड़ो के अनुसार 2005-2006 से 2010-2011 तक कृषि और संगठन क्षेत्र में वृद्धि-दर मात्र 3.44% ही रही न कि दहाई अंको में अथवा 10%|(स्रोत-निदेशक अर्थ एवं सांख्यिकी, गुजरात सरकार एवं टाइम्स ऑफ़ इंडिया)
· गुजरात में उर्वरक पर वैट (मूल्य सवंर्धित कर) 5% है जो भारत में अधिकतम है। (स्रोत -कृषि मंत्रालय, गुजरात सरकार)
· गुजरात में 26 जिले है। जिनमें 225 ब्लाक है। जिसमें से 57 डार्क जोन में है।(स्रोत -कृषि मंत्रालय, गुजरात सरकार एवं नर्मदा निगम की वार्षिक रिपोर्ट)
· मार्च 2001 से 455885 कृषि-विद्युत कनेक्शन के आवेदन लंबित है। (स्रोत -कृषि मंत्रालय गुजरात सरकार)
· राज्य के पांच वर्ष से कम आयु के लगभग आधे बच्चें (44.6%) कुपोषण से पीडि़त है। 70% बच्चों में खून की कमी है और 40% सामान्य से कम वजन के है। (स्रोत -योजना आयोग, भारत सरकार २०१२-13)
· गुजरात के आठ शहरों और तीन तालुका में 2894 शिक्षकों के पद खाली है।· गुजरात के चार जिलों में लगभग 978 स्कूल 1 या 2 शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। (स्रोत -विनोद पाण्डेय द्वारा दाखिल RTI का जवाब)
· गुजरात का स्वास्थ्य व्यय वर्ष 1990-95 के 4.25% के स्तर से गिर कर 2005-2010 की अवधि में 0.77% के स्तर पर पहुंच गया है। राज्य स्तरीय बजट में स्वास्थ्य सम्बन्धी मद में आवंटन के सन्दर्भ में गुजरात का स्थान नीचे से दूसरा है। (स्रोत - योजना आयोग भारत सरकार 2012-13 एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण)
· एनीमिया से प्रभावित महिलाओं के मामले में 20 बड़े राज्यों में गुजरात का स्थान नीचे से 20वां है। (स्रोत-मानव विकास रिपोर्ट 2011-12)
· कुपोषित बच्चों के मामले में गुजरात का स्थान 15वां है.(स्रोत -मानव विकास रिपोर्ट, 2011-12)
· एनीमिया से प्रभावित बच्चों के मामले में गुजरात का स्थान 16वां है। (स्रोत -ग्लोबल हंगर पर UNDP की रिपोर्ट, 2009-12)
· ग्रामीणी शिशु मृत्युदर में गुजरात का स्थान 14वां तथा शहरी शिशु मृत्युदर में 10वां है।· वैश्विक भूख रिपोर्ट (2009) के अनुसार भारत के 17 बडे़ राज्यों में से 23.3 के भूख सूचकांक के साथ गुजरात का स्थान 13वां है। मध्यप्रदेश, बिहार और झारखण्ड के साथ गुजरात की खतरे की सूची वाले राज्यों में शामिल हो चुकी है।
· आंकडे दिखाते है। कि 66% ग्रामीण घरेलू व्यक्तिओं द्वारा शौचालय के प्रयोग के मामले में राज्य का स्थान 10वां है।(स्रोत -राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण रिपोर्ट, 2011-12)
· राष्ट्रीय जनगणना 2011 के अंतर्गत एकत्रित्र किये गये आंकडे यह प्रकट करते है कि गुजरात की कुल जनसंख्या 29% निवासी और स्वच्छ पेयजल प्राप्त करते है। लगभग 1.75% करोड़ लोगों को शुद्ध पेयजल प्राप्त नहीं होता है।(स्रोत-राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण रिपोर्ट, 2011-12)
· गुजरात में 2001 में गरीबी 32% थी जो 2011 में 39.5% तक पहुँच गई है। प्रत्येक 100 व्यक्तिओं में 40 व्यक्ति गरीब है। राष्ट्रीय नमुना सर्वेक्षण संगठन (एन.एस.एस.ओ.) के आंकडे दिखाते है कि 2004 और 2010 के बीच गरीबी घटने का प्रतिशत गुजरात में निम्नतम था जो 8.3% था।(स्रोत - NASSO की गरीबी रिपोर्ट के आधार पर, 2012-13)
· उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 1958 दंगों के मामले दुबारा खोले गए हैं। गुजरात पुलिस ने मात्र 117 मामलों में गिरफ्तारियां की हैं यानी कुल मामलों का मात्र 5%|
· गुजरात वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू करने वाला 11वां राज्य है।(स्रोत - DNA अहमदाबाद में 03 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित कॅालम के आधार पर)
· गुजरात में प्रत्येक तीन दिन में एक बच्ची का बलात्कार होता है। (स्रोत- अहमदाबाद महिला संगठन, AWAG गुजरात के एक शोध के आधार पर)
· एक दशक से गुजरात विधान सभा में डिप्टी स्पीकर का पद खाली है. (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 178 के अनुसार यह पद अनिवार्य है।)
· सदन एक वर्ष में लगभग 30.32 दिन ही चलता है।
· पिछले दस वर्षो से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है।
· गुजरात ने 3716 रोजगार मेले आयोजित किए। किन्तु गुजरात सरकार के स्वंय के आंकड़ों के अनुसार 10 लाख पढे़ लिखे युवा बेरोजगार है। और कुल 30 लाख लोग बेजोजगार है।(स्रोत- NASSO की रिपोर्ट, GOI)
· राष्ट्रीय नमूना हैं सर्वेक्षण संगठन (एन.एस.एस.ओ.) के आंकड़ों प्रदर्शित करते हैं कि पिछले 12 वर्षों से रोजगार वृद्धि की दर लगभग शून्य हैं।
· राज्य के खातों के संदर्भ में कैग की हाल की समीक्षा आंख खोलने वाली साबित हुई है। आरोप है कि वहां 16706.99 करोड़ रुपए की वित्तीय और विकास के मोर्चो पर नकारात्मक प्रभाव।
· UNDP ने विभिन्न राज्यों में कार्य करने के दौरान यह पाया कि आसाम, उ0प्र0, पश्चिम बंगाल समेत गुजरात में मुस्लिमों में गरीबी प्रतिशत बहुत अधिक है।(स्रोत- UNDP मानव विकास की रिपोर्ट UN, 2011-12)
· जब भारतीय जनता पार्टी 1995 में पहली बार सत्ता में आई तब राज्य सरकार का कुल ऋण 10.000 करोड़ रुपये से कम था। गुजरात का वास्तविक ऋण 2001-02 में 45301 करोड़ से बढ़कर मोदी के शासन काल में 30 दिसम्बर 2012 तक 138948 करोड़ तक पहुँच गया है। राज्य सरकार के अनुमानित बजट के अनुसार यह ऋण 2015-16 तक 207695 करोड़ रुपये तक पहुँच जाएगा।
(स्रोत-निदेशक अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग, गुजरात सरकार)
· कृषि वृद्धि में गुजरात आठवें स्थान पर है। कृषि क्षेत्र में गुजरात ने कभी भी 10% की वृद्धि-दर नहीं प्राप्त की। गुजरात सरकार के स्वयं के आंकड़ो के अनुसार 2005-2006 से 2010-2011 तक कृषि और संगठन क्षेत्र में वृद्धि-दर मात्र 3.44% ही रही न कि दहाई अंको में अथवा 10%|(स्रोत-निदेशक अर्थ एवं सांख्यिकी, गुजरात सरकार एवं टाइम्स ऑफ़ इंडिया)
· गुजरात में उर्वरक पर वैट (मूल्य सवंर्धित कर) 5% है जो भारत में अधिकतम है। (स्रोत -कृषि मंत्रालय, गुजरात सरकार)
· गुजरात में 26 जिले है। जिनमें 225 ब्लाक है। जिसमें से 57 डार्क जोन में है।(स्रोत -कृषि मंत्रालय, गुजरात सरकार एवं नर्मदा निगम की वार्षिक रिपोर्ट)
· मार्च 2001 से 455885 कृषि-विद्युत कनेक्शन के आवेदन लंबित है। (स्रोत -कृषि मंत्रालय गुजरात सरकार)
· राज्य के पांच वर्ष से कम आयु के लगभग आधे बच्चें (44.6%) कुपोषण से पीडि़त है। 70% बच्चों में खून की कमी है और 40% सामान्य से कम वजन के है। (स्रोत -योजना आयोग, भारत सरकार २०१२-13)
· गुजरात के आठ शहरों और तीन तालुका में 2894 शिक्षकों के पद खाली है।· गुजरात के चार जिलों में लगभग 978 स्कूल 1 या 2 शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। (स्रोत -विनोद पाण्डेय द्वारा दाखिल RTI का जवाब)
· गुजरात का स्वास्थ्य व्यय वर्ष 1990-95 के 4.25% के स्तर से गिर कर 2005-2010 की अवधि में 0.77% के स्तर पर पहुंच गया है। राज्य स्तरीय बजट में स्वास्थ्य सम्बन्धी मद में आवंटन के सन्दर्भ में गुजरात का स्थान नीचे से दूसरा है। (स्रोत - योजना आयोग भारत सरकार 2012-13 एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण)
· एनीमिया से प्रभावित महिलाओं के मामले में 20 बड़े राज्यों में गुजरात का स्थान नीचे से 20वां है। (स्रोत-मानव विकास रिपोर्ट 2011-12)
· कुपोषित बच्चों के मामले में गुजरात का स्थान 15वां है.(स्रोत -मानव विकास रिपोर्ट, 2011-12)
· एनीमिया से प्रभावित बच्चों के मामले में गुजरात का स्थान 16वां है। (स्रोत -ग्लोबल हंगर पर UNDP की रिपोर्ट, 2009-12)
· ग्रामीणी शिशु मृत्युदर में गुजरात का स्थान 14वां तथा शहरी शिशु मृत्युदर में 10वां है।· वैश्विक भूख रिपोर्ट (2009) के अनुसार भारत के 17 बडे़ राज्यों में से 23.3 के भूख सूचकांक के साथ गुजरात का स्थान 13वां है। मध्यप्रदेश, बिहार और झारखण्ड के साथ गुजरात की खतरे की सूची वाले राज्यों में शामिल हो चुकी है।
· आंकडे दिखाते है। कि 66% ग्रामीण घरेलू व्यक्तिओं द्वारा शौचालय के प्रयोग के मामले में राज्य का स्थान 10वां है।(स्रोत -राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण रिपोर्ट, 2011-12)
· राष्ट्रीय जनगणना 2011 के अंतर्गत एकत्रित्र किये गये आंकडे यह प्रकट करते है कि गुजरात की कुल जनसंख्या 29% निवासी और स्वच्छ पेयजल प्राप्त करते है। लगभग 1.75% करोड़ लोगों को शुद्ध पेयजल प्राप्त नहीं होता है।(स्रोत-राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण रिपोर्ट, 2011-12)
· गुजरात में 2001 में गरीबी 32% थी जो 2011 में 39.5% तक पहुँच गई है। प्रत्येक 100 व्यक्तिओं में 40 व्यक्ति गरीब है। राष्ट्रीय नमुना सर्वेक्षण संगठन (एन.एस.एस.ओ.) के आंकडे दिखाते है कि 2004 और 2010 के बीच गरीबी घटने का प्रतिशत गुजरात में निम्नतम था जो 8.3% था।(स्रोत - NASSO की गरीबी रिपोर्ट के आधार पर, 2012-13)
· उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 1958 दंगों के मामले दुबारा खोले गए हैं। गुजरात पुलिस ने मात्र 117 मामलों में गिरफ्तारियां की हैं यानी कुल मामलों का मात्र 5%|
· गुजरात वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू करने वाला 11वां राज्य है।(स्रोत - DNA अहमदाबाद में 03 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित कॅालम के आधार पर)
· गुजरात में प्रत्येक तीन दिन में एक बच्ची का बलात्कार होता है। (स्रोत- अहमदाबाद महिला संगठन, AWAG गुजरात के एक शोध के आधार पर)
· एक दशक से गुजरात विधान सभा में डिप्टी स्पीकर का पद खाली है. (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 178 के अनुसार यह पद अनिवार्य है।)
· सदन एक वर्ष में लगभग 30.32 दिन ही चलता है।
· पिछले दस वर्षो से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है।
· गुजरात ने 3716 रोजगार मेले आयोजित किए। किन्तु गुजरात सरकार के स्वंय के आंकड़ों के अनुसार 10 लाख पढे़ लिखे युवा बेरोजगार है। और कुल 30 लाख लोग बेजोजगार है।(स्रोत- NASSO की रिपोर्ट, GOI)
· राष्ट्रीय नमूना हैं सर्वेक्षण संगठन (एन.एस.एस.ओ.) के आंकड़ों प्रदर्शित करते हैं कि पिछले 12 वर्षों से रोजगार वृद्धि की दर लगभग शून्य हैं।
· राज्य के खातों के संदर्भ में कैग की हाल की समीक्षा आंख खोलने वाली साबित हुई है। आरोप है कि वहां 16706.99 करोड़ रुपए की वित्तीय और विकास के मोर्चो पर नकारात्मक प्रभाव।
· UNDP ने विभिन्न राज्यों में कार्य करने के दौरान यह पाया कि आसाम, उ0प्र0, पश्चिम बंगाल समेत गुजरात में मुस्लिमों में गरीबी प्रतिशत बहुत अधिक है।(स्रोत- UNDP मानव विकास की रिपोर्ट UN, 2011-12)
http://navbharattimes.indiatimes.com/election-news/gujarat-pulls-economic-data-from-website/election2014articleshow/32911093.cms
गुजरात ने वेबसाइटों से डेटा हटाया
बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी
की सरकार वाले राज्य गुजरात की आधिकारिक वेबसाइट पर दिया गया आर्थिक डेटा
हटा लिया गया है। सरकार के मुताबिक ऐसा चुनाव आचार संहिता के कारण किया गया
है, हालांकि ऐसा आचार संहिता में स्पष्ट तौर पर कहीं नहीं लिखा है लेकिन
राज्य के अधिकारी इसके लिए नैतिक मूल्यों का हवाला दे रहे हैं।
आर्थिक अखबार मिंट ने इस बारे में एक खबर छापी है। खबर के मुताबिक राज्य के
बजट, जनगणना और आर्थिक विकास से जुड़े आंकड़े साइटों से हटा लिए गए हैं।
मिंट ने राज्य के आर्थिक सांख्यिकी विभाग के निदेशक आर. एन. पंड्या के
हवाले से लिखा है, 'इन आंकडों को उपलब्ध रखना चुनाव आयोग की आचार संहिता का
उल्लंघन हो सकता है।'
आचार संहिता में नहीं बताया गया है कि किस
चीज को हटाना है और किस चीज को नहीं, लेकिन पंड्या कहते हैं कि यह नैतिक
मूल्यों की तरह है, साफ-साफ कहीं कुछ नहीं लिखा होता।
नरेंद्र
मोदी अपनी रैलियों में गुजरात के विकास की खूब मिसाल देते हैं। लेकिन हाल
के दिनों में गुजरात के विकास पर कई सवाल उठाए गए हैं। इन सवालों का आधार
राज्य की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा को ही बनाया गया है। मसलन, आम आदमी पार्टी
के नेता अरविंद केजरीवाल ने गुजरात यात्रा के दौरान और उसके बाद भी राज्य
की सरकारी वेबसाइटों पर दिए गए कई आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि
नरेंद्र मोदी गलतबयानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि राज्य में कि
नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि गुजरात में कृषि विकास दर 11 फीसदी जबकि
उनकी अपनी वेबसाइट के मुताबिक यह -1.18 फीसदी है।
वैसे सर्च इंजिन
के जरिए गुजरात सरकार की रिपोर्ट्स खोजी जा सकती हैं क्योंकि वहां इनकी
कैश फाइल्स उपलब्ध हैं, लेकिन डेटा को ब्लॉक करने वाला गुजरात देश का पहला
राज्य है।
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