बनारस घराना के संगीतज्ञ जहाँ एक तरफ हिन्दू देवी-देवताओं की स्तुति गायन के साथ अपना शास्त्रीयसंगीत का शुभारम्भ करते हैं । वही अफगानिस्तान से आये सरोद, ईरान से आये शहनाई व सितार का गौरव के साथ उपयोग करते है । शास्त्रीय संगीत की इस संयुक्त परम्परा को बनारस में जीवित रखने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास किया जाए |बनारस में शास्त्रीय संगीत को जीवंत बनाये रखने के लिए एक बड़ा“हिन्दुस्तानी संगीत संस्थान” बनाया जाना चाहिये| जहाँपर देश-विदेश के छात्र आकर संगीत शिक्षाप्राप्त कर सकें और पर्यटन को भीबढ़ावा मिले |उत्तर प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार से निवेदन है कि बनारस सम्मलेन की प्रस्तावों को गंभीरता से लेकर लागू करें |
Thursday, August 6, 2015
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