किचन गार्डन: एक परिवार की जिंदगी को बदलने का एक छोटा सा कदम
फुला देवी, 55 वर्षीय महिला, वाराणसी के अराजीलाइन ब्लॉक के सजोई मुसहर बस्ती में रहती हैं। उनके तीन बच्चे हैं – दो बेटियाँ और एक बेटा, जो सभी शादीशुदा हैं। बेटा ईंट भट्टे पर काम करता है, और परिवार गरीबी में जीवन बिता रहा था। उनके पति राम जी को कभी-कभी मजदूरी का काम मिलता, लेकिन आमदनी बहुत कम होती थी।
फुला देवी ने अपनी परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए जनमित्र न्यास के कार्यकर्ता सोमारू पटेल के प्रेरणादायक प्रयासों से किचन गार्डन लगाने का फैसला किया। शुरुआत में उन्हें समझ नहीं आया कि इससे कैसे मदद मिलेगी, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने नेनुआ और सहपुतिया की सब्जी उगाना शुरू किया। इससे परिवार को ताजी सब्जियाँ मिलने लगीं और पैसे बचने लगे। फुला देवी कहती हैं, "हम अपन खेती कईली औउर रोज सब्जी खाईला औउर हमार बहुत पईसा बच गईल।"
इस वर्ष अप्रैल में, फुला देवी ने सुरन की खेती की। फसल अच्छी हुई और उन्होंने सुरन को बेचकर 1000 रुपये कमाए। इन्हीं पैसों से उन्होंने अपनी गर्भवती बहू का इलाज कराया, जब वह अचानक पेट दर्द से पीड़ित हो गई। अल्ट्रासाउंड और दवाइयों के खर्चों को पूरा करने के लिए यही 1000 रुपये काम आए, जिससे जच्चा-बच्चा की जान बच सकी।
फुला देवी का किचन गार्डन आज उनके परिवार के लिए न केवल पोषण का स्रोत है, बल्कि कठिन समय में एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहारा भी बन चुका है।
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Kitchen Garden: A Small Step to Transform a Family's Life
Fula Devi, a 55-year-old woman, resides in Sajoee Musahar Basti of Arajiline Block, Varanasi. She has three children—two daughters and one son, all of whom are married. Her son works at a brick kiln, and the family was struggling in poverty. Her husband Ram Ji found occasional labor work, but the earnings were meager.
To improve her family’s financial situation, FulaDevi decided to set up a kitchen garden, inspired by Janmitra Nyas worker Somaru Patel. Initially, she was unsure about its benefits, but she started by planting vegetables like gourd and spinach. Soon, the family began receiving fresh vegetables, and their savings increased. Fula Devi shares, "We grew our own crops, ate fresh vegetables every day, and saved a lot of money."
In April this year, Fula Devi expanded her garden and planted yam (Suran). The crop yielded well, and she earned ₹1000 from selling it in the market. These earnings came to her rescue when her pregnant daughter-in-law, in her third trimester, experienced severe pain. The money from the Suran harvest covered the medical expenses, including an ultrasound, and helped save the lives of both mother and child.
Today, Fula Devi's kitchen garden is not just a source of nutrition for her family but also an essential financial support in times of need.
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