Saturday, September 14, 2024

Monti: Our First Companion


 

मोंटी: हमारा पहला साथी

मोंटी था हमारे दिल का हिस्सा,
२००८ में कबीर लाया उसे हंसी से भरा।
दादी यशोदा देवी संग उसने प्यार की शुरुआत की,
धीरे-धीरे बाहर की दुनिया से अपनी पहचान बनाई।

हमसे पालने की कला कुछ कम रही,
इसीलिए उसे घर से दूर करना सही लगा सही।
पर बीमार होते ही वो लौट आता था,
मानो हमारे घर का रास्ता उसे याद आता था।

२२ फरवरी २०१५ का दिन था भारी,
उसकी विदाई ने बदल दी एक पूरी क़िस्मत की कड़ी।
साजिशें आईं और चली गईं, पर दिल की राहों में,
मोंटी आज भी साथ है, जैसे कभी वो हमसे दूर नहीं हुआ।


Monti: Our First Companion

Monti was a piece of our heart,
In 2008, Kabeer brought him home from school, full of charm.
With Grandma Yashoda Devi, his days did start,
And later he found his freedom, living outdoors calm.

We didn’t quite master the art of care,
So one day, we sent him away, to breathe different air.
Yet whenever illness struck, he knew where to roam,
Back to us he came, for our house was his home.

February 22, 2015, a day of grief,
With his passing, a chapter turned like a fallen leaf.
Conspiracies arose, but in our hearts, he's still there,
Monti’s memory lives on, as if he never left our care.


मोंटी: हमारे परिवार का पहला साथी

मोंटी हमारे परिवार का पहला कुत्ता था और उसकी यादें हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई हैं। २००८ में, जब मेरा बेटा कबीर स्कूल से घर लौट रहा था, उसने मोंटी को देखा और घर ले आया। मोंटी का हमारे जीवन में आना एक अद्भुत और नई शुरुआत थी। उसकी मासूमियत और ऊर्जा ने हमारे घर में खुशियां भर दीं। मेरी दादी, यशोदा देवी, जो घर की सबसे बड़ी और अनुभवी सदस्य थीं, ने मोंटी के साथ उसका शुरुआती दौर बिताया। वो उसे अपने स्नेह और देखभाल से बड़ा कर रही थीं।

हालांकि, हमें कुत्तों को पालने का ज्यादा अनुभव नहीं था। कुत्तों की देखभाल एक विशेष प्रकार की प्रतिबद्धता और कौशल की मांग करती है, जो हमें उस समय नहीं थी। धीरे-धीरे, मोंटी ने खुद को हमारे घर के बाहर की दुनिया से जोड़ लिया और बाहर ही ज्यादा समय बिताने लगा। हम उससे जुड़े तो थे, लेकिन उसे पालने और उसकी देखभाल में शायद हम वो ध्यान नहीं दे पाए जो देना चाहिए था।

फिर, कुछ समय बाद, मोंटी बाहर जाने लगा। यह निर्णय उसका अपना था, लेकिन उसने हमारे घर से अपना संबंध कभी नहीं तोड़ा। वह दिन के समय बाहर चला जाता, लेकिन शाम होते ही घर लौट आता था, जैसे उसे पता हो कि यहीं उसकी सही जगह है, यहीं उसका परिवार है। जब भी वो बीमार होता, उसे पता था कि उसे कहां आना है। वो हमारे घर लौट आता था, जैसे उसे एहसास हो कि यहीं उसकी सच्ची जगह है।

मोंटी की विदाई:

२२ फरवरी २०१५ का दिन हमारे लिए बेहद दुखद था। उस दिन मोंटी की मृत्यु हो गई। उसकी मौत ने हमारे घर के एक युग को समाप्त कर दिया। उसका जाना हमारे जीवन में एक खालीपन छोड़ गया। परिवार के हर सदस्य के लिए यह क्षण कठिन था, क्योंकि मोंटी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।

साजिशों का दौर:

मोंटी की मौत के बाद, एक अजीब और अप्रत्याशित साजिशों का दौर शुरू हुआ। ये घटनाएं मेरे खिलाफ थीं, और वे मेरे जीवन को और भी मुश्किल बना गईं। मोंटी के जाने के बाद शुरू हुए इस दौर ने हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से भी प्रभावित किया। हालाँकि, मोंटी की यादें हमारे दिलों में आज भी उसी तरह बसी हुई हैं, जैसे वो कभी गया ही न हो।

मोंटी केवल एक कुत्ता नहीं था, वो हमारे परिवार का हिस्सा था। उसकी मासूमियत और बिना शर्त का प्यार हमें हमेशा याद रहेगा। उसकी यादें हमारे दिलों में बसी रहेंगी और उसकी उपस्थिति हमें यह याद दिलाती रहेगी कि सच्चा प्यार और वफादारी कभी मरती नहीं।

निष्कर्ष:

मोंटी ने हमें सिखाया कि जानवर भी परिवार के सदस्य होते हैं, और उन्हें भी उसी प्यार और देखभाल की जरूरत होती है जैसी हमें होती है। उसकी मौत के बाद जो परिस्थितियां आईं, वो कठिन थीं, लेकिन मोंटी की यादें हमें सुकून देती हैं। उसके साथ बिताए पल आज भी हमारे दिलों में ताजा हैं। मोंटी की वफादारी और प्यार हमारे जीवन का ऐसा अध्याय है जिसे हम कभी भुला नहीं सकते।

Monti: Our First Companion

Monti, our family’s first dog, holds a place in our hearts that time cannot erase. It was in 2008 when my son, Kabeer, brought Monti home one afternoon after school. The sight of that young dog filled our home with new energy, a joy that had not existed before. Monti’s presence marked the beginning of something beautiful and unexpected in our lives. My grandmother, Yashoda Devi, the eldest and most experienced member of our family, shared Monti’s early days with him, showering him with the warmth and care that only she could provide.

However, we were unprepared for the responsibilities that come with raising a dog. Caring for an animal requires a certain level of commitment and skill, something we lacked at the time. Gradually, Monti began to spend more and more time outside the house, as though the world beyond our walls had become more familiar to him. Though we loved him dearly, we perhaps failed to give him the attention and care he truly deserved.

Then, after some time, Monty started going outside. It was his own choice, but he never severed his connection with our home. He would go out during the day but would return home by evening, as if he knew that this was his true place, his family. Whenever he fell ill, he knew where to come. He would come back to our home, as if he realized that this was his true place.

Monti’s Farewell:

February 22, 2015, remains etched in our memories as a day of profound sorrow. On that day, Monti passed away. His death signaled the end of an era in our household. With his departure, a void was left behind, one that we still feel to this day. Each member of our family experienced this loss deeply, for Monti was not just a pet—he was an integral part of our lives.

The Onset of Conspiracies:

After Monti’s death, an unexpected and unsettling phase of conspiracies unfolded against me. These events complicated my life in ways I had not anticipated. The aftermath of Monti’s departure was not just a personal loss but became entangled with external challenges that added to our emotional burden. Nevertheless, Monti’s memory continues to live on in our hearts, as vivid and real as if he had never left us at all.

Monti was more than just a dog—he was family. His innocence, unwavering loyalty, and unconditional love remain with us, a reminder of the beauty and simplicity of his companionship. Even in death, his presence lingers, a quiet testament to the bond we shared and the truth that love and loyalty never truly fade away.

Conclusion:

Monti taught us an invaluable lesson: that animals, like humans, are deserving of love, care, and respect. His passing brought with it challenges and grief, but his memory brings comfort and peace. The moments we shared with him, the joy and laughter he brought into our lives, remain fresh in our minds. Monti’s loyalty and love are an irreplaceable chapter in our lives—one we will cherish forever.



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