Friday, May 12, 2023

कुटुम्ब नामक संस्था को शुभ लाभ की जगह लूट का केंद्र बनाना : भाग 5


 मेरी और श्रुति की शादी 1992 में हुआ. दादा,दादी और माँ आशीर्वाद दे रहे है. दादा और दादी काफी गंभीर है. और माँ हँस रही है. इसकी कहानी आगे कभी.
दादा धोती और कुरता में है. भारतीयता और सनातन के साथ देशभक्ति और वसुधैव कुटुम्बकम दादा का आदर्श था.

दादी की मृत्यु 2018 में हुआ और आखिरी 7 साल माओ के पत्नी चंचल ने दादी की बहुत सेवा की. माओ ने भी दादी की बहुत सेवा की. दादी के मृत्यु के बाद उसी साल में माओ भी गोलोकवासी हो गए. दादी के आशीर्वाद से जरुर चंचल का परिवार उन्नति करेगा.

माँ कामकाजी थी. पियरलेस के काम से पिता जी अक्सर बाहर रहते थे. मैंने माँ की रसोई सम्भाला, बच्चे खिलाये, और खुद नहीं खेला. प्राइमरी स्कूल में बोरा और लकड़ी का स्लेट लेकर स्कूल जाते थे मै और मेरा प्यारा भाई स्टालिन. बौड़म स्टालिन अक्स्सर अपने पेंट में टट्टी कर देते थे स्कूल से आते समय. उसे भी देखना पड़ता था.
I feel Proud - I studied in Govt School

हाथ से चपाकल चलाकर पानी निकालना होता था. उसी से मेहनत कर के साल भर का लहसुन और धनिया के साथ सब्जी पैदा करते थे. जब कक्षा 6 में थे तो बिजली आयी और कक्षा 8 में गैस का चूल्हा आया.
अगली किश्त जल्द........... 


#धौरहरा #दौलतपुर #कुटुम्बकम #वाराणसी

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